Diwali Kab Hai: 31 या 1 कब मनाई जाएगी दिवाली, जानिए सही मुहूर्त
Diwali Kab Hai: भारत मे त्योहारो का बहुत ही महत्व है, यहां पर छोटा से छोटा और बड़ा से बड़ा त्योहार को लोग बड़ी धूम धाम के साथ मनाते है. हिंदू धर्म मे दिवाली का त्योहार लोगों के लिए बहुत ही लोकप्रिय त्योहारों में से एक है. दीपावली का पर्व को पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम एवं हर्ष उत्साह के साथ मनाया जायेगा.
दीपक के त्योहार दिवाली पर, लोग अपने घरों के बाहर पारंपरिक मिट्टी के तेल के दीये को जलाते हैं, दिवाली को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व प्रकाश की जीत का प्रतीक भी माना गया है. दिवाली का त्योहार पांच दिनों का त्योहर है. यह त्योहार धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज के दिन समाप्त होता है.
धनतेरस
धनतेरस को नई धातु की वस्तुओं की खरीददारी की जाती है. जिसका विशेष रूप से सोने और चांदी को खरीदने और लाने का महत्व है. इस दिन खरीददारी की जाती है. दिवाली भारत में सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्योहार है. इस त्योहार को हर कोई बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाता हैं.
इस साल दिवाली का त्योहार को लेकर लोग काफी कंफ्यूजन में है. तो कुछ लोग 31 अक्टूबर तो कुछ लोग 1 नबंबर की दिवाली को मनाने वाले है. जिनको हम इस लेख के माध्यम से दीवाली का त्योहार कब है, और इस त्योहार को कब मनाया जायेगा. इसके बारे में आपको आज सम्पूर्ण जानकरी देने वाले है. इसके साथ ही दीवाली के शुभ मुहूर्त के बारे में भी आपको हम सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है.
दीवाली कब मनाई जाएगी?
दीवाली का पर्व कार्तिक अमावस्या के दिन ही मनाया जायेगा है. यह 31 अक्टूबर को प्रदोष काल के दौरान अमावस्या तिथि के दिन ही दीवाली को मनाया जायेगा. इस दिन आप लक्ष्मी पूजा का सबसे उपयुक्त समय माना गया है. वहीं, 1 नवंबर को आपको प्रदोष काल के बाद अमावस्या केवल कुछ मिनट के लिए ही लगेंगी, जिससे आपको मां लक्ष्मी जी की पूजा का समय नहीं मिलेगा. इसलिए इस बार 31 अक्टूबर 2024 को ही दीवाली को मनाया जायेगा, इसी दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाएंगी.
दीवाली का शुभ मुहूर्त
दीवाली को पर्व का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर अमावस्या तिथि में शुरू होगा, इस दौरान ही आप दीवाली की पूजा को करें. यह तिथि 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी. 31 अक्टूबर की रात को अमावस्या तिथि प्रदोष काल और अर्धरात्रि के दौरान विद्यमान में रहेगी, इस समय माता लक्ष्मी जी की पूजा करने का सबसे अच्छा समय हैं. इस बार 31 अक्टूबर को ही दीवाली को मनाया जायेगा.
दीवाली पूजन की विधि
- दीवाली की पूजा के लिए आप पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी को रखें,
- फिर उसमें लाल या फिर गुलाबी वस्त्र को बिछाएं.
इसके बाद आपको गणेश जी की मूर्ति को रखना है, - जिसके दाहिनी ओर मां लक्ष्मी जी की मूर्ति को रखना है.
- अब आप आसन पर बैठकर चारों ओर गंगा जल को छिड़कें और संकल्प लेकर पूजा का आरंभ करें.
- अब आप घी का दीपक को जलाएं और भगवान गणेश व मां लक्ष्मी को फूल और मिठाइयां को अर्पित करें.
- सबसे पहले आपको गणेश जी और फिर मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करते हुए आरती करें.
- आपको पूजा की थाल में पांच दीपक सजाकर, फूल और मिठाइयां, घर के अलग अलग हिस्सों, मंदिर, और कुएं के पास दीपक को रखें.
- पूजन के दौरान लाल, पीले या चमकदार रंग के वस्त्र को ही पहना है. इस समय आप काले, भूरे या नीले रंग के वस्त्रों को पहने से बचना चाहिए.
दीवाली का महत्व
दीवाली का त्योहार भगवान राम जी के वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी में यह पर्व को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. दीवाली के दिन ही लक्ष्मी जी अपने भक्तों के घर जाकर उन्हें आशीर्वाद देती हैं. इस दिन लोग अपने घर को साफ सुथरा करके घर के चारो ओर दीयों को जलाते है. इस साल, विद्वानों के निर्णय और ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ लक्ष्मी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होगा.
निष्कर्ष
दी गई जानकारी में आपको बताया गया है की हिन्दू सनातन धर्म में दीपावली कैसे मनाई जाती है। क्या शुभ मुहर्त है, और विधि दोस्तों दीपावली की हार्दिक सुभकामनायें आपको और आपके परिवार को एक दूसरे के साथ खुशिया बाटे मिलते है एक नया पोस्ट के साथ धन्यवाद!
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