Ganesh Chaturthi 2024 kab hai: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ने वाला गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व होता है, इस चतुर्थी को गणेश महोत्सव भी कहा जाता है. गणेश चतुर्थी को लेकर यह मान्यता भी है कि इस दिन भगवान गणेश का प्राकट्य हुआ था, जिसके कारण यह पूरे 10 दिनों तक गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है.
यह पर्व अनंत चतुर्दशी के दिन ही समाप्त होता है. इस दिनों में बप्पा गणपति घर, सार्वजनिक पंडालों में विधिवत तरीके से विराजते हैं. इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व सितंबर महीने के 7 तारीख को मनाया जायेगा. यह त्योहार महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक के साथ कई जगहों पर बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है. हम आपको इस लेख के माध्यम से जानकारी देने वाले है, कि गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024 kab hai) क्यो बनाई जाती है, और इसका क्या महत्व है.
Ganesh Chaturthi 2024 kab hai?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद का महीना के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होने वाली है. और 7 सितंबर 2024 को शाम 5 बज कर 37 मिनट पर समाप्त हो रही है। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024 kab hai) का पर्व 7 सितंबर 2024 को ही मनाया जानें वाला है. यह पर्व पर भगवान श्री गणेश जी को घर मे विराजमान करके पूजा अर्चना की जाती हैं.
गणेश चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल भगवान श्री गणेश की मूर्ति की स्थापना 7 सितंबर 2024 को सुबह 11 बजकर 3 मिनट से लेकर दोपहर के 1 बजकर 34 मिनट तक की जयेंगी. आपको भगवान गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करने के लिए आपको पूरे 2 घंटे 31 मिनट का समय मिलेगा.
वर्जित चंद्र दर्शन का समय
हिंदू धर्म के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन आपको चंद्रमा देखने की मनाही होती है. अगर आप ऐसा करते है, तो आप पर किसी न किसी तरह का कलंक लगता है. इसलिए एक दिन पूर्व यानी 6 सितंबर को दोपहर 03:01 से 08:14 तक चंद्रमा के दर्शन को नहीं करना चाहिए. अगर ऐसा करते है तो आपका बुरा समय चलना शुरू हो जाता है.
अनंत चतुर्दशी 2024 कब हैं ?
इस साल 2024 में अनंत चतुर्दशी का पर्व 16 सितंबर 2024 को मनाया जायेगा.
गणेश चतुर्थी पर बन रहा शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन चित्रा नक्षत्र दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहने वाला है. इसके बाद स्वाति नक्षत्र भी लगने वाला है. इसके साथ ही इस पर्व पर आज ब्रह्म, इंद्र योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना रहेगा.
गणेश चतुर्थी का अलग अलग नाम
देश भर में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024 kab hai) का पर्व को अलग अलग नाम से जाना जाता है. उत्तर भारत में गणेश चतुर्थी , गुजराती में ગણેશ ચતુર્થી, महाराष्ट्र में गणेशोत्सव, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इसे विनायक चतुर्थी और तमिलनाडु में विनायक चतुर्थी के नाम से यह पर्व को बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
गणेश चतुर्थी का महत्व
हिंदू धर्म में हर छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा पर्व का बहुत ही महत्व है. भगवान गणेश जी को प्रथम पूज्य माना जाता है. किसी भी मांगलिक और शुभ काम को करने से पहले भगवान गणेश जी की पूजा और आराधना की जाती है. गणेश जी को सुख संपदा, बुद्धि, विवेक आदि का कारक माना जाता है. गणेश जी को घर में विराजित करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही भगवान गणेश जी की पूजा से आप अपने जीवन में आ रहे तभी संकट को बड़ी आसानी से समाप्त कर सकते हैं.
गणेश चतुर्थी की कई कथाएं
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024 kab hai) को मनाने के पीछे कई तरह की कथाएं प्रचलित है. यह मान्यता भी है कि भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष को चतुर्थी तिथि के दिन ही भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था. तभी से भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष को चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है.
वहीं दूसरी ओर भी गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024 kab hai) मनाने की एक मान्यता है कि वेद व्यास जी ने गणेश भगवान से महाभारत ग्रंथ लिखने की प्रार्थना की, तो भगवान गणेश जी 10 दिनों तक बिना रुके महाभारत को लिखते रहे. तब भगवान गणेश जी का तापमान बहुत बढ़ गया था. तब उनको 10 वें दिन नदी में स्नान कराया गया था. तभी से यह गणेश चतुर्थी का पर्व बड़ी धूमधाम से हर साल मनाया जाता है.
यह भी पढ़े :- Mandir Main Kyu Bajate Hai Ghanti: मंदिर से वापस आते समय नही बजाने चाहिए घंटी, नही तो बिगड़ जाते हैं काम