Mandir Main Kyu Bajate Hai Ghanti: हिंदू धर्म मे पूजा पाठ का बहुत महत्व है, इसके साथ ही रीति रिवाज को लेकर लोगो की कई तरह की मान्यताएं भी है. हर हिंदू मंदिर में घंटी होती है और जब भी हम मंदिर जाते हैं और वहां से लौटते हैं तो घंटी जरूर बजाते हैं, हम मन्दिर में जब भी जाते है, तो एक बार घंटा को जरूर बजाते हैं, लेकिन मंदिर से बहार निकलते समय हमें मंदिर की घंटी को क्यो नही बजाना चाहिए.
इसका भी हिंदु धर्म मे काफी महत्व है. लेकिन क्या आप यह महत्व जानते हैं कि मंदिर से लौटते समय आपको कभी भी मंदिर की घंटी को नहीं बजाना चाहिए. यह बात बहुत से लोगों को नहीं पता हैं. कि मंदिर से लौटते समय घंटी को क्यों नहीं बजाना चाहिए. आज हम आपको मंदिर से लौटते समय घंटी नही बजाने के रहस्य के बारे में बताने वाले है. जिसको जानकार आप भी फिर मंदिर से लौटते समय कभी भी घंटी को नही बजाया करेंगे.
मंदिर में प्रवेश के दौरान क्यो बजानी चाहिए घंटी
हिंदू धर्म मे हर चीज का काफी महत्व है. लेकिन हमारे धर्म मे प्राचीन काल से पूजा पाठ को काफी महत्व भी दिया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हम लोगो को मंदिर में जब भी प्रवेश करते है, तो हम सभी मंदिर में लगी घंटी को (Mandir Main Kyu Bajate Hai Ghanti) जरूर बजाते हैं, जिससे ऐसा माना जाता है कि हमारे शरीर की पूरी नकारात्मक ऊर्जा घंटे की ध्वनि से नष्ट हो गई है और साथ ही लोगों के सुख और समृद्धि के द्वार भी खुल गये हैं.
मंदिर की घंटी के लिए यह भी कहा जाता है कि घंटे की ध्वनि से भगवान को आप अति प्रिय भी लगने लगते है. मंदिर में घंटी को बजाकर भक्त मंदिर में अपना प्रवेश के लिए भगवान से अनुमति को मांगते है, यह भी मान्यता है कि जिससे देवी देवताओं का ध्यान भी अपनी ओर खींचा चला आता हैं. मंदिर में घंटी बजाने (Mandir Main Kyu Bajate Hai Ghanti) के बाद हम पूजा अर्चना के समय भी घंटी को बजाते हैं. मंदिर में लभी घंटी की आवाज से हमारे शरीर और आस पास के वातावरण के जीवाणु और विषाणु खत्म हो जाते है, और मंदिर के आस पास का वातावरण भी शुद्ध रहता हैं.
क्यों नहीं बजाना चाहिए लौटते समय घंटी
हिंदू धर्म के अनुसार यह बताया गया है कि जब हम लोग मंदिर में जाते है, तो हमारे मन मे तमाम तरह के विचार आते रहते है, जिसमे से कई विचार तो हम लोगो को नकारात्मक आते रहते है. जब हम लोग मंदिर में प्रवेश करके घंटी को (Mandir Main Kyu Bajate Hai Ghanti) बचाते है, तो यह सब विचार खत्म हो जाते है. मंदिर में शंख, घंटी और घंटे की दैवीय ध्वनि से हमारे शरीर से सारी नकारात्मक ऊर्जा निकल जाती है. उसके बाद ही हम सभी भक्त मंदिर में स्थित देवी देवताओं के दर्शन को करते हैं.
जिससे हमारे शरीर मे सकारात्मक ऊर्जा बनने लगती है. जो नकारात्मक विचारों को नष्ट कर देती हैं. इसके बाद ही हम प्रेम भाव से भक्ति भजन को करके वापस लौटते हैं, और फिर घंटी बजाते हैं तो सब सकारात्मक ऊर्जा घंटे के स्वर से भ्रमित होकर नष्ट हो जाती है. इसलिए हम सभी को सकारात्मक ऊर्जा को बचाए रखने के लिए मंदिर से लौटते वक्त कभी भी घंटी नहीं बजानी चाहिए.
मंदिर में घंटे का क्या महत्व है?
हिंदू धर्म के अनुसार यह मान्यता है कि जब भी सृष्टि का आरंभ हुआ था, तब जो स्वर गूंजा था, वह घंटी की ध्वनि के जैसा ही आवास थी, इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि घंटी के बजाने से ओंमकार मंत्र का उच्चारण पूर्ण हो जाता है. मंदिर में घंटी बजाने से (Mandir Main Kyu Bajate Hai Ghanti) मूर्तियों में चैतन्य जागृत होता है और पूजा अर्चना का प्रभाव बढ़ता है, जिससे भगवान की कृपा बनी रहती है.
Mandir Main Kyu Bajate Hai Ghanti
Mandir Main Kyu Bajate Hai Ghanti: धर्म मे प्राचीन काल से पूजा पाठ को काफी महत्व भी दिया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हम लोगो को मंदिर में जब भी प्रवेश करते है, तो हम सभी मंदिर में लगी घंटी को जरूर बजाते हैं, जिससे ऐसा माना जाता है कि हमारे शरीर की पूरी नकारात्मक ऊर्जा घंटे की ध्वनि से नष्ट हो गई है और साथ ही लोगों के सुख और समृद्धि के द्वार भी खुल गये हैं.
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